सभी के लिए प्रशिक्षण (टी.एफ.ए)
केन्द्रीय क्षेत्रक योजना, सभी के लिए प्रशिक्षण (टीएफए) 1992 से डीओपीटी द्वारा क्रियान्वित की जा रही है। वर्तमान में, योजना के 4 घटक है :
1. राज्य श्रेणी के प्रशिक्षण कार्यक्रम (एससीटीपी) : केन्द्र सरकार द्वारा प्राथमिकता दिए गए क्षेत्रों में अल्पावधिक (सामान्यतया 3 दिन के) प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन करने के लिए राज्य/संघ शासित प्रदेश के एटीआई को समर्थन दिया जाता है। ये कार्यक्रम राज्य/संघ शासित प्रदेश की सरकारों/राज्य पीएसयू के वरिष्ठ और मध्यम स्तर से अधिकारियों के लिए कथ्यपरक (थीमैटिक) विषयों (सॉफ्ट स्किल, सामान्य और डोमेन विशेषीकृत) के संबंध में विभिन्न विषयों पर प्रबंधन कौशलों एवं ज्ञान का विकास करने और प्रमुख मुद्दों के बारे में उन्हें संवेदीकृत करने के लिए डिजाइन किया जाता है। पाठ्यक्रम का शुल्क प्रति प्रतिभागी प्रतिदिन 1500/- रुपए है।
2. प्रशिक्षु विकास कार्यक्रम (टीडीपी) एवं संकाय विकास योजना (एफडीएस) : प्रशासकों को प्रभावी लोक सेवा उपलब्ध कराने के लिए प्रशिक्षित करने हेतु केन्द्रीय और राज्य प्रशिक्षण संस्थानों की क्षमता को अधिक सुदृढ़ बनाने के उद्देश्य से वर्ष 1983 में टीडीपी की शुरूआत की गई थी। तत्पश्चात् कार्यक्रम को 1990 के दशक के प्रारम्भ में संस्थागत रूप दिया गया था। समय-अवधि के साथ स्वदेशी तंत्र विकसित कर लिया गया है। केन्द्र और राज्य प्रशिक्षण संस्थानों की प्रशासकों की प्रशिक्षण देने की क्षमता को बढ़ाने को ध्यान में रखते हुए विभिन्न “प्रशिक्षकों का प्रशिक्षण (टीओटी)” पैकेजों के माध्यम से केन्द्र/राज्य सरकार के कर्मचारियों को मास्टर प्रशिक्षकों एवं मान्यता प्राप्त प्रशिक्षकों के रूप में विकसित करके देश में व्यावसायिक प्रशिक्षकों और रिसोर्स पर्सन का एक संवर्ग विकसित करना इसका उद्देश्य है ताकि सोपानी और गुणक प्रभाव सृजित किया जा सके। सरकारी अधिकारियों को प्रभावी प्रशिक्षण प्रदान करने और इसका डिजाइन तैयार करने की प्रक्रिया में प्रशिक्षण का एक व्यवस्थित दृष्टिकोण अन्तर्निहित है। प्रशिक्षण कौशल को निम्नलिखित टीओटी में विकसित किया गया है – सीधा प्रशिक्षक कौशल (डायरेक्ट ट्रेनर्स स्किल)(डीटीएस), प्रशिक्षण का प्रारूप (डीओटी), प्रशिक्षण का मूल्यांकन (ईओटी), आनुभाविक अधिगम टूल (ई.एल.टी), प्रशिक्षण का प्रबंधन (एमओटी), प्रशिक्षण आवश्यकताओं का आकलन (टीएनए), परामर्श कौशल (मेंटरिंग स्किल) एवं सरलीकरण (फैसिलीटेशन) कौशल। पाठ्यक्रम का शुल्क प्रतिदिन प्रति प्रतिभागी 2000 रुपए है।
एफ.डी.एस का क्रियान्वयन इस विभाग द्वारा टीडीपी घटक के अंतर्गत तैयार किए गए प्रशिक्षकों एवं केन्द्र/राज्य प्रशिक्षण संस्थाओं के संकाय सदस्यों के ज्ञान एवं कौशल आधार को विस्तार देने और परिष्कृत करने के उद्देश्य से किया जाता है। प्रशिक्षकों/संकाय सदस्यों को प्रमुख संस्थानों द्वारा संचालित घरेलू लघु अवधि कार्यक्रमों/पत्राचार कार्यक्रमों में प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए प्रायोजित किया जाता है। यह विभाग प्रत्येक प्रतिभागी को 2 वर्षीय ब्लॉक में 75,000 रूपए तक की वित्तीय सहायता प्रदान करता है।
3. प्रवेशन प्रशिक्षण (कोमिट) पर व्यापक ऑनलाइन संशोधित मॉड्यूल्स : वर्ष 2017 में मिश्रित प्रारूप में प्रशिक्षण कार्यक्रम को आरंभ किया गया था। इस कार्यक्रम के माध्यम से, प्रत्येक वर्ष तीन लाख से भी अधिक अधिकारियों को प्रशिक्षण प्रदान किया जाता था। प्रवेशन प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य लोक सेवा वितरण तंत्र में सुधार लाने हेतु अत्याधुनिक (कटिंग एज) स्तर के सरकारी पदाधिकारियों में उनकी क्षमताओं को मजबूत करने और एक मनोवृतिपरक बदलाव लाने के लिए सामान्य (जेनेरिक) एवं डोमेन विशिष्ट क्षमताओं को विकसित करना है। इसके पास 20 घंटे की अवधि के 15 ई-मॉड्यूल – सामान्य (जेनेरिक) विषयों अर्थात् सॉफ्ट स्किल्स (व्यक्तिगत प्रबंधन) पर 12 मॉड्यूल और डोमेन-विशिष्ट विषयों (आरटीआई अधिनियम, कार्यालय प्रक्रिया एवं वित्त और लेखा) पर 3 मॉड्यूल हैं। इसके अतिरिक्त, सामान्य (जेनेरिक) विषयों पर मॉड्यूलों के बारे में इन परसन मोड में एक आठ घंटे लंबा परिचयात्मक सत्र आयोजित किया जाता है। इस कार्यक्रम को एटीआई के माध्यम से लागू किया जाता है। इन मिश्रित कार्यक्रमों के लाभों में प्रत्यक्ष रूप से (फेस-टू-फेस) कक्षा अनुभव के लाभ को बनाए रखते हुए समय का लचीलापन और सुविधा शामिल हैं।
4. प्रशिक्षण संस्थानों की क्षमता का विस्तार (एसीटीआई) : इस पहल का उद्देश्य हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर और कोर्सवेयर, प्रशिक्षण संस्थानों की नेटवर्किंग और प्रशिक्षण को सुदृढ़ बनाना; तथा केस स्टडीज ई-लर्निंग पैकेजों, प्रशिक्षण फिल्मों को विकसित करना, कार्यशालाओं, विशेष कार्यक्रमों, सेमिनारों इत्यादि का आयोजन करने के लिए राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों के एटीआई को सहायता प्रदान करना है। मैचिंग योगदान के रूप में, यह विभाग वस्तुओं की लागत के 90 प्रतिशत का व्यय वहन करता है और संबंधित मैचिंग योगदान के रूप में लागत के एटीआई शेष 10 प्रतिशत का व्यय वहन करता है।
नोट : 12 दिवसीय प्रवेशन प्रशिक्षण कार्यक्रम (12-दिवसीय आईटीपी) और गहन प्रशिक्षण कार्यक्रम (आईटीपी) के घटकों को स्कीम से हटा दिया गया है; और टीडीपी एवं एफडीएस के घटकों का सीएफवाई से टीडीपी – एडीएस के रूप में विलय कर दिया गया है।