कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग के तहत संगठन
Organisation | Services / Functions |
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सीबीसी | |
आईजीओटी | आईजीओटी |
लोकपाल | |
यूपीएससी | संविधान सभा ने, स्वतंत्रता के बाद, सिविल सेवा में निष्पक्ष भर्ती सुनिश्चित करने और सेवा हितों के संरक्षण के लिए संघ लोक सेवा आयोग को संघीय और प्रांतीय दोनों स्तरों पर एक सुरक्षित और स्वायत्त दर्जा दिए जाने की जरूरत महसूस की थी । स्वतंत्र भारत के लिए 26 जनवरी, 1950 को नया संविधान लागू होने के साथ ही संघीय लोक सेवा आयोग को एक स्वायत्त इकाई के रूप में संवैधानिक दर्जा दिया गया और संघ लोक सेवा आयोग का नाम दिया गया । |
एसएससी | संसद की आकलन समिति ने अपनी 47वीं रिपोर्ट (1967-68) में निम्नतर श्रेणी के पदों पर भर्ती हेतु परीक्षा आयोजित करने के लिए एक सेवा चयन आयोग की स्थापना करने की सिफारिश की थी । इसके अनुसरण में, और एक अंतरिम उपाय के रूप में, आरम्भ में, सचिवालयी प्रशिक्षण स्कूल में एक परीक्षा स्कंध जोड़ दिया गया, बाद में सचिवालयी प्रशिक्षण और प्रबंध संस्थान के रूप में इसका पुन: नामकरण किया गया । प्रशासनिक सुधार आयोग ने कार्मिक प्रशासन पर अपनी रिपोर्ट में इस तथ्य की ओर ध्यान दिलाया कि केन्द्र और राज्य स्तर पर बहुतायत कर्मचारी वर्ग-III और वर्ग-IV श्रेणी के हैं । विभिन्न कार्यालयों में ऐसे पदों पर भर्ती हेतु योग्यताओं की समान प्रकृति का हवाला देते हुए आयोग ने विभिन्न विभागों द्वारा गैर-तकनीकी पदों की आवश्यकताओं की पूलिंग और कार्मिकों की संयुक्त भर्ती अथवा एक भर्ती बोर्ड द्वारा चयन का समर्थन किया यह इस सिफारिश के अनुसरण में था कि भारत सरकार ने कार्यकारी संकल्प संख्या-46/1/(एस)/74-स्था(ख) दिनांक 4नवम्बर, 1975 (परिशिष्ट-1) के अंतर्गत एक अधीनस्थ सेवा आयोग का गठन करने का निर्णय लिया । 26 सितम्बर, 1997 को इसका नाम बदलकर कर्मचारी चयन आयोग कर दिया गया । |
पीईएसबी | लोक उद्यम चयन बोर्ड भारत सरकार संकल्प दिनांक 3.3.1987 द्वारा गठित एक उच्च शक्ति प्राप्त निकाय है । उक्त संकल्प में बाद में समय-समय पर संशोधन किया गया, अद्यतन संशोधन 19.4.2000 को किया गया । लोक उद्यम चयन बोर्ड केन्द्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उद्यमों के लिए एक स्वस्थ प्रबंधकीय नीति विकसित करने के लिए खासकर, उच्च प्रबंधन पदों पर नियुक्तियों के सम्बन्ध में सरकार को सलाह देने के लिए स्थापित किया गया । |
एलबीएसएनएए | लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी, प्रशासन और लोक नीति पर भारत का प्रमुख अनुसंधान और प्रशिक्षण संस्थान, हिमालय की तराई में, समुद्र स्तर से 2000 मीटर की ऊँचाई पर मसूरी में स्थित है । यह राष्ट्रीय राजधानी, नई दिल्ली से 300 सड़क किलोमीटर दूर है । लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी शैक्षणिक परिश्रम और बौद्धिक स्वतंत्रता का एक रोचक संगम निरूपित करता है । परिसर एक काल्पनिक गलन पात्र है जहां देश के प्रत्येक हिस्से के बाहर के, हर पीढ़ी के लोग एक-दूसरे के सम्पर्क में आते हैं । यह वह स्थान है जहां हमारे विविध राष्ट्र के प्रत्येक राज्य के प्रतिभागी जो अलग-अलग भाषाएं बोलते हैं, अलग-अलग योग्यताओं और समाजिक शैक्षणिक पृष्ठभूमि वाले हैं, मिलते हैं और एक-दूसरे से सीखते हैं । |
आईएसटीएम | सक्षमता एवं सार्वजनिक हित’ के आदर्श के साथ 1948 में स्थापित सचिवालय प्रशिक्षण और प्रबंध संस्थान मुख्यत: केन्द्रीय सचिवालय और सहयोगी सेवाओं में विभिन्न संवर्गों के अधिकारियों को प्रशिक्षण प्रदान करने में लगा हुआ था । आरम्भिक वर्षों के दौरान यह संस्थान केन्द्रीय सचिवालय और अन्य सहयोगी सेवाओं के सहायकों और अनुभाग अधिकारियों के लिए फाउंडेशनल और रिफ्रेशर सेवाकाल प्रशिक्षण कार्यक्रम चला रहा था । |
सीवीसी | सरकार द्वारा केन्द्रीय सतर्कता आयोग की स्थापना, सतर्कता के क्षेत्र में केन्द्रीय सरकारी एजेंसियों को सलाह देने और इनका मार्गदर्शन करने के लिए श्री के. सांतानाम की अध्यक्षता वाली भ्रष्टाचार निरोध समिति की सिफारिशों के आधार पर फरवरी, 1964 में की गई थी । |
सीबीआई | केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो की उत्पत्ति भारत सरकार द्वारा 1941 में स्थापित विशेष पुलिस प्रतिष्ठान से हुई है । उस समय विशेष पुलिस प्रतिष्ठान का कार्य द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान भारतीय युद्ध और आपूर्ति विभाग में लेन-देन में घूसखोरी और भ्रष्टाचार के मामलों की जांच करना था । विशेष पुलिस प्रतिष्ठान का अधीक्षण युद्ध विभाग के जिम्मे था । युद्ध समाप्ति के बाद भी, केन्द्र सरकार के कर्मचारियों द्वारा घूसखोरी और भ्रष्टाचार के मामलों की जांच करने हेतु एक केन्द्रीय सरकारी एजेंसी की जरूरत महसूस की गई । इसीलिए 1946 में दिल्ली विशेष पुलिस प्रतिष्ठान अधिनियम लागू किया गया । इस अधिनियम के द्वारा विशेष पुलिस प्रतिष्ठान का अधीक्षण गृह विभाग को हस्तांतरित हो गया और इसके कामकाज को विस्तार करके भारत सरकार के सभी विभागों को कवर कर लिया गया । विशेष पुलिस प्रतिष्ठान का क्षेत्राधिकार सभी संघ राज्य क्षेत्रों तक विस्तृत कर दिया गया और सम्बन्धित राज्य सरकार की सहमति से राज्यों तक भी इसका विस्तार किया जा सकता था । दिल्ली विशेष पुलिस प्रतिष्ठान को इसका लोकप्रिय नाम ‘केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो’ गृह मंत्रालय संकल्प दिनांक 1.4.1963 द्वारा मिला । आरम्भ में केन्द्र सरकार द्वारा सूचित अपराध केवल केन्द्रीय सरकार के कर्मचारियों द्वारा भ्रष्टाचार से ही सम्बन्धित था । धीरे-धीरे, बड़ी संख्या में सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों की स्थापना के साथ ही इन उपक्रमों के कर्मचारियों को भी केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो के क्षेत्र के अधीन लाया गया । इसी प्रकार, 1969 में बैंकों के राष्ट्रीयकरण के बाद सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक और उनके कर्मचारी भी केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो के क्षेत्र के अधीन आ गए । |
आईआईपीए | भारतीय लोक प्रशासन संस्थान लोक प्रशासन की प्रकृति सम्बन्धित विषयों में प्रशिक्षण, अनुसंधान और सूचना प्रसार हेतु एक स्वायत्त शैक्षणिक संस्थान है । सुविख्यात अमरीकी विशेषज्ञ पौल एच. एपलबी की सोच पर आधारित पंडित जवाहर लाल नेहरू द्वारा स्थापित और संवर्धित, यह संस्थान लोक प्रशासन और प्रबंधन में प्रशिक्षण और अनुसंधान हेतु एक प्रमुख केन्द्र के रूप में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर जाना जाता है । |
सीआईसी | केन्द्रीय सूचना आयोग का गठन केन्द्र सरकार द्वारा एक राजपत्र अधिसूचना द्वारा किया गया । आयोग में एक मुख्य सूचना आयुक्त और अधिकतम 10 सूचना आयुक्त हैं जिनकी नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा की जाएगी । |